24 संक्रमितों में अब तक 15 की रिपोर्ट निगेटिव आई, महा कर्फ्यू का उल्लंघन न हो इसके लिए तीन हजार जवान तैनात

राजस्थान में भीलवाड़ा कोरोना का एपिसेंटर बना हुआ था। तीन दिन पहले यानी सोमवार तक राज्य में संक्रमण के सबसे ज्यादा 26 मामले यहीं पर थे। लेकिन, लोगों के अनुशासन, संयम और सरकार की सख्ती के चलते अब यहां के हालात बदले हुए नजर आ रहे हैं। चार दिनों से यहां संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है। हालांकि, अभी खतरा कम नहीं हुआ है, जिसके चलते प्रशासन ने यहां तीन से 13 अप्रैल यानी आज से महा कर्फ्यू लगा दिया है। लोग महा कर्फ्यू का उल्लंघन न करें इसके लिए सड़कों पर तीन हजार जवान तैनात किए गए हैं। शहर की सभी गलियों और कालोनियों की बैरिकेडिंग की जा रही है। स्थिति यह रहेगी कि लोग एक गली से दूसरी गली में भी नहीं जा सकते हैं।


पहले राहत की बात:
1847 में से 1515 की रिपोर्ट निगेटिव: भीलवाड़ा में जबसे संक्रमण का मामला शुरू हुआ है तब से अब तक कुल 1847 सैंपल जांच के लिए भेजे गए। इनमें से 1515 की रिपोर्ट की निगेटिव आई है। जबकि 306 की रिपोर्ट आना बाकी है। 26 सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। यहां संक्रमण के बांगड़ हॉस्पिटल के डॉक्टर से फैला था। ऐसे में कम्युनिटी स्प्रेड की आशंका बन रही थी। लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। जो लोग पॉजिटिव आए हैं वह सभी हॉस्पिटल का स्टाफ हैं या मरीज और उनके परिजन हैं।


26 संक्रमितों में से 15 की रिपोर्ट निगेटिव: शहर में संक्रमण के अब तक 26 मामले सामने आए हैं। इनमें से इलाज के बाद 15 की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है। इन सभी को आइसोलेशन वार्ड से जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया है। वहीं दो की मौत हो चुकी है। अब 9 पॉजिटिव बचे हैं यह सभी भीलवाड़ा के एमजी हॉस्पिटल में भर्ती हैं। जयपुर में भर्ती डॉक्टर संपत्ति की रिपोर्ट भी गुरुवार को निगेटिव आने के बाद अब जयपुर में भर्ती भीलवाड़ा के चारों पॉजिटिव मरीज की रिपोर्ट निगेटिव हो चुकी है।


अब सख्ती की बात:



भीलवाड़ा में शुक्रवार से 10 दिन के लिए महा कर्फ्यू लगा दिया है। लोगों को बाहर निकलने की सख्त मनाही है।


घर से बाहर निकलने की सख्त मनाही:  महा कर्फ्यू के दौरान तीन हजार जवानों को शहर में तैनात किया गया है। इसमें 50 से ज्यादा बाइक सवार भी हैं। यह शहर के अलग-अलग इलाकों में जाकर मार्च निकालेंगे। प्रशासन ने पहले ही साफ तौर पर कह दिया है कि  महा कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई करेंगे।


केवल बेहद जरूरी सेवाएं ही: बेहद जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों एवं वाहनों को ही निकलने की अनुमति होगी। इसके लिए पहले से बने उनके पास मान्य होंगे। बाकी कर्फ्यू के दौरान जारी किए गए सभी पास को कैंसिल कर दिया गया। यहां तक मीडिया को भी बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी गई है।


घर-घर सब्जी-दूध पहुंचाई जाएगी: शहर में सरस डेयरी के 324 बूथों के माध्यम से घर-घर दूध पहुंचाने की व्यवस्था की गई हैं। सभी बूथों पर आलू-प्याज भी मिलेंगे। सब्जियों के लिए वाहन लगाए गए हैं, जो निर्धारित टाइम टेबल के मुताबिक कालोनियों में पहुंचेंगे। वहां सोशल डिस्टेंसिंग के साथ लोग खरीद सकेंगे। राशन भी इसी तरह से लोगों के दरवाजे तक पहुंचाया जाएगा।


कैसे किया नियंत्रण:
निजी वाहनों को बंद किया गया: 
भीलवाड़ा में 20 मार्च को संकमण का पहला केस डॉक्टर में मिला था। अगले दिन उसी अस्पताल के तीन डॉक्टर और स्टाफ में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। इसके बाद पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया। पब्लिक ट्रांसपोर्ट को पूरी तरह से बंद कर दिया। इसमें रोडवेज बस से लेकर ऑटो-रिक्शा, टैक्सी सभी शामिल थी।
छह हजार से ज्यादा लोगों को आइसोलेशन में रखा गया: डॉक्टर से संक्रमण फैलने का पता चलते ही हॉस्पिटल का स्टॉफ, उनके परिवार वाले, जो मरीज हॉस्पिटल में आए थे, उनके परिजन सभी की स्क्रीनिंग की गई। इनमें से शहर में करीब 11 हजार लोग संदिग्ध मिले। करीब 6445 को होम आइसोलेशन में रखा गया। 
77 हजार घरों का तीन बार सर्वे: शहर में संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए 77 हजार घरों का तीन बार सर्वे किया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक-एक घर में जाकर लोगों के स्वास्थ्य की स्क्रीनिंग की। इसमें पहले चरण में छह हजार टीमों ने 24 लाख लोगों की स्क्रीनिंग 9 दिनों में पूरी की। इसके दूसरे चरण में 18 हजार लोगों का सर्वे के साथ ही सर्दी, जुखाम का इलाज किया गया।
थ्री स्टार होटल और रिजॉर्ट तक में किया क्वारैंटाइन: कोरोना संदिग्धों को भीलवाड़ा के थ्री स्टार होटल और रिजॉर्ट तक में रखा गया। कई जगह तो हर कमरे के लिए अलग गार्डन भी है। वहीं, घर में क्वारैंटाइन 6445 लोगों की ऐप से निगरानी की गई।